क्या आपको याद हैं वो दिन जब ये चमकती डामर की सड़कों के बदले वो उबड़ खाबड़ खडंजे हुआ करते थे... जिंदगी कुछ अलग सी हुआ करती थी... तो यहाँ पे मैंने कुछ पुरानी जिंदगी को खडंजे से जोड़ते हुए नयी जिंदगी से तुलना करने का एक छोटा सा प्रयास किया है...
ईंट पत्थर से बना, धुल मिटटी सी सना,
फिर भी अच्छा सा लगता था वो खडंजा,
उबड़ खाबड़ सा, और कहीं पे कुछ समतल सा,
डगमगा के कहीं हलके से संभलता था खडंजा.
किनारे पे चूरन की दुकान,और इमली का ठेला,
कुछ कड़वा और खट्टा सा भी लगता था खडंजा.
ठन्डे पानी का वो मटका छाँव पे पेड़ के नीचे कहीं,
आत्मा को तृप्ति मन को शांत करता था खडंजा.
आज पता नहीं कहाँ खो गया है वो रास्ता,
चमकती सी सड़क दिखती तो है समतल सी,
सुनी सी जिंदगी शांत सी चलने लगी है,
मगर चमकती हुई सी कुछ चुभती है सड़क.
वो खट्टी कडवी राहें भी दिखती नहीं,
वो मटके भी कहीं मशीन मे बदले से दिखते हैं,
बस चलते से जाते हैं कदम बिना हलचल के,
मुझको तो अब भी याद आता है बस वो खडंजा....
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शुरुवात से ही एक स्वछंद पक्षी की भांति जीता रहा हूँ. कुछ लिखना चाहता था हमेशा से, अब क्यूँ है मन में ये, तो इसका भी जवाब है मेरे पास.. बहुत इच्छाएं आशाएं करी, पर सभी तो पूरी नहीं होती और कुछ हो भी जाती हैं, तो वही आधी अधूरी और कुछ पूरी इच्छाओं की खुशी या कष्ट को कहाँ पे कैसे व्यक्त करता, तो बस उठा ली कलम कुछ साल पहले,गोदा और फाड़ा, लिखता था तो मन में भावना आती थी की किसी को पढ़ाऊं, जिसको बोलता वो नाख भौं निचोड़ के आगे बढ़ चलता.. तकनीक का सहारा लेने लगा, तो अब आपके सामने हूँ..
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About Me
- हिमांशु पन्त
- मैं एक वो इंसान हूँ जो जिंदगी को खेलते हुए जीना चाहता है और ऐसे ही जीवन की सभी दुविधाओं को ख़तम करना चाहता है... मतलब की मै कुछ जिंदगी को आसां बनाना चाहता हूँ.. वास्तव मै मै अपने सपनों और इच्छाओं मे और उनके साथ जीना चाहता हूँ.. मैं अपने भाग्यचक्र को हराना चाहता हूँ पर ये भी सच है की मे भाग्यचक्र के साथ चलना भी चाहता हूँ.. शायद मे कुछ उलझा हुआ सा हूँ अपने मे.. तो बस आप मेरे मित्र बन के रहो और साथ ही इस उलझन का एक हिस्सा भी... तो मुस्कुराते रहो और अपनी जिंदगी को जिन्दा रखो... वादा है मुश्किलें आसां हो जाएँगी... :)
3 comments:
....................
hmm issse pad kar purani yadain taja ho gayi jab hum gaon jate the....magar ab b jab jate he to khadnja dekhne ko mil jata he....bus ab lupt sa ho raha he
Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!
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