मंगलवार, 2 अगस्त 2011 | By: हिमांशु पन्त

ये सुन लो

मोहब्बत में कभी कोई भी नाकाम नहीं होता,
बस किसी के प्रेम का कोई अंजाम नहीं होता,
कौन कहता है की मोहब्बत में लुटना पड़ता है,
ये सुन लो के तपस्या में सदा वरदान नहीं होता.

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