जीवनपथ की ये डगर,
जटिल दुर्गम सा सफ़र,
छुटते वक़्त की सवारी,
और सपनों की मंजिल.
हर कदम एक पड़ाव,
हर मोड़ एक ठहराव,
वक़्त की भागती सुइयां,
और गुमता सा गलियारा.
विजयी रहने की धधक,
जीवित रहने की ललक,
अजेय काल की लपक,
और भक्षक दिखता जग.
कहीं पर छुपी जीत,
कहीं पर छुपी हार,
यही रस जीवन का,
और यही है जीवनसार.
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शुरुवात से ही एक स्वछंद पक्षी की भांति जीता रहा हूँ. कुछ लिखना चाहता था हमेशा से, अब क्यूँ है मन में ये, तो इसका भी जवाब है मेरे पास.. बहुत इच्छाएं आशाएं करी, पर सभी तो पूरी नहीं होती और कुछ हो भी जाती हैं, तो वही आधी अधूरी और कुछ पूरी इच्छाओं की खुशी या कष्ट को कहाँ पे कैसे व्यक्त करता, तो बस उठा ली कलम कुछ साल पहले,गोदा और फाड़ा, लिखता था तो मन में भावना आती थी की किसी को पढ़ाऊं, जिसको बोलता वो नाख भौं निचोड़ के आगे बढ़ चलता.. तकनीक का सहारा लेने लगा, तो अब आपके सामने हूँ..
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Voice Of Heart
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About Me
- हिमांशु पन्त
- मैं एक वो इंसान हूँ जो जिंदगी को खेलते हुए जीना चाहता है और ऐसे ही जीवन की सभी दुविधाओं को ख़तम करना चाहता है... मतलब की मै कुछ जिंदगी को आसां बनाना चाहता हूँ.. वास्तव मै मै अपने सपनों और इच्छाओं मे और उनके साथ जीना चाहता हूँ.. मैं अपने भाग्यचक्र को हराना चाहता हूँ पर ये भी सच है की मे भाग्यचक्र के साथ चलना भी चाहता हूँ.. शायद मे कुछ उलझा हुआ सा हूँ अपने मे.. तो बस आप मेरे मित्र बन के रहो और साथ ही इस उलझन का एक हिस्सा भी... तो मुस्कुराते रहो और अपनी जिंदगी को जिन्दा रखो... वादा है मुश्किलें आसां हो जाएँगी... :)
1 comments:
सुन्दर शब्दों का हार
मन की पुकार
आपकी जय जयकार
यही है टिप्पणी का सार !
बहुत सुन्दर कविता !
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