शुक्रवार, 3 सितंबर 2010 | By: हिमांशु पन्त

हे शिव

हे शिव तेरे चरणों पे मेरा हर कर्म अर्पण,

कु बना दे या करा दे सु अब सब तुझ पर,

हे देव जीव बनाता व सब कराता भी तू ही,
...
तो अब सब तेरा धूमिल कर या कर तर्पण.

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